सोमवार, अक्तूबर 19, 2009

ब्लू - समंदर में डूबी कहानी

आपने आज से पहले भारतीय फिल्मों में ऎसे दृश्य नहीं देखे होंगे। फिल्म ब्लू का प्रचार करने वालों ने ऎसा कहा है तो जाहिर है उन्होंने झूठ नहीं बोला है। यह सचमुच रोमांचित करने वाला अनुभव है। खासकर हिंदी फिल्मों में लेकिन सौ करोड़ रूपए को पानी में इस तरह बहाया जाएगा, इसका अंदाजा नहीं था। किसी भी एक्शन भी बिना किसी कहानी या घिसी फिटी एक फार्मूला कहानी के आधार पर यदि आप ज्यादा खींचेंगे तो वह फिल्म को खराब करेगा। ब्लू इसका अपवाद नहीं है।

नए निर्देशक एंथनी डिसूजा की तारीफ करिए कि उन्होंने अपना सिनेमाटोग्राफर पीटर को चुना जो दुनिया में अंडरवाटर स्टंट फिल्माने के लिए जाना माना नाम है। आरव मल्होत्रा यानी अक्षय कुमार एक बिजनेसमैन है और सागर यानी संजय दत्त एक फिशरमैन या गोताखोर है। सिर्फ सागर को पता है कि लेडी इन ब्लू नाम का एक जहाज समंदर में किस जगह डूबा था। उसमें बेशुमार दौलत थी। आरव उस खजाने को हासिल करने के लिए सागर से दोस्ती करता है लेकिन कोई वजह है जो उसे खजाने तक जाने से रोकती है। आखिरकार सागर के छोटे भाई समीर यानी जाएद खान की वजह से सागर को खजाना ढूंढ़ लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है और वे इसे ले आते हैं। बीच में एक विलेन भी है और काम चलाऊ टि्वस्ट भी लेकिन ब्लू की तारीफ आपको सिर्फ इसलिए करनी होगी कि उसमें अद्भुत दृश्य है, जिन्हें पानी में फिल्माया गया है। पानी में फिल्माए जाने की थकान के साफ शिकार अभिनेता दिखते हैं और संजय और अक्षय वैसा अभिनय नहीं कर रहे हैं जैसा वे आमतौर पर भी करते हैं। जाएद खान को खैर अभिनय आता ही कहां है। लारा दत्ता ने बिकनी पहनकर पर्याप्त अंग प्रदर्शन किया है लेकिन यह कामयाबी की गारंटी नहीं है। आप ब्लू देखना चाहते हैँं समंदर के बेहतरीन दृश्यों के लिए बेशक देखने जाएं, कहानी से निराश होेगे। दूसरे काइली की चिगी विगी गाना भी आपको अच्छा लग सकता है।

1 टिप्पणी:

संगीता पुरी ने कहा…

'ब्‍लू' के बारे में जानकारी देने के लिए धन्‍यवाद !!