शुक्रवार, नवंबर 26, 2010

ब्रेक के बाद: फिर वही दिल लाया हूं


ब्रेक के बाद: फिर वही दिल लाया हूं

निर्माता कुणाल कोहली और निर्देशक दानिश असलम की फिल्म ब्रेक के बाद डॉट कॉम पीढ़ी की रोम कॉम है। जहां लड़की अपने सपनों के पीछे भागती है और लड़का लड़की के पीछे। वह कन्फ्यूज्ड है। आजकल फिल्मी प्रेम कहानियां खाते पीते परिवारों से ही निकलती हैं। लड़की जब फोन नहीं उठा रही है तो लड़का सात समंदर पार उसे मिलने ऑस्ट्रेलिया पहुंच जाता है। लड़की थोड़ी सी आजादी चाहती है, जिसे वह ब्रेक का नाम देती है। मॉडर्न लड़की बेहिचक ड्रिंक्स लेती है, सिगरेट या सिगार पीती है। उसका कहना है कि उसकी जिंदगी का हर सीन खुशियों से भरा होना चाहिए। अपनी मां की तरह एक्ट्रेस बनना चाहती है और मां कहती है कि वह उस दुनिया का दलदल वह जानती है। इनके बीच एक आंटी है जो तीन शादियां करके तलाक ले चुकी है और कहती है कि वह अब भी चौथी भार यह हादसा करने को उत्सुक है। लड़के लड़की मे ब्रेक होता है तो इस दौरान कन्फ्यूज्ड लड़का कमाकर खाना सीख जाता है। इसके बाद प्रेमी युगल का फिर मिलन हो जाता है।
दोनों युगल सिगनल पर भीख मांगने वाले सारे बच्चों के नाम जानते हैं और वे बच्चे इन दोनों को। सारे पात्र बिंदास हैं। लेकिन कमी बस यही है कि ऐसी प्रेम कहानियां आती रही हैं। आप डीडीएलजे से लेकर आई हैट लव स्टोरीज तक को याद कर लें। कुछ कुछ वैसे ही फ्रेम और कहानी का बहाव। इस पीढ़ी के फिल्मकारों के ज्यादातर पात्र अमीर होते हैं जिनकी मूल समस्या बस प्रेम ही रह गया है। गीत संगीत बहुत ज्यादा असरदार नहीं है। इसके बावजूद अपने खास किस्म के फैन्स की वजह से इमरान खान और दीपिका पादुकोण की जोड़ी वाली यह फिल्म किशोरों ओर युवाओं में लोकप्रिय हो सकती है क्योंकि उनकी उम्र एक जैसी ही प्रेम कहानियां कई बार देखने के लिए होती है। फिल्म का दूसरा हिस्सा थोड़ा सा डगमगाया है। टाइमपास के लिए ठीक ठाक सी फिल्म है। शर्मिला टैगोर, नवीन निश्चल, लिलेट दुबे, शहाना गोस्वामी, युधिष्ठिर उर्स ने भी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया है।
-रामकुमार सिंह
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