दिल्ली से प्रकाशित कथादेश के सितम्बर अंक में मेरी कहानी पूर्वसंध्या और पाँच यार प्रकाशित हुई है। आपसे आग्रह है कि पढ़ें । कुछ समय बाद उसे ब्लॉग पर भी प्रकाशित कर दूँगा।
अद्भुत कहानी है, यह बात मैं आपसे तो कह ही चुका हूं, अब इस ब्लॉग के पाठकों के लिए भी दुहरा रहा हूं. आप इसे ब्लॉग पर डालने में इतनी देर यों कर रहे हैं? कथादेश सब जगह नहीं मिलती है. ब्लॉग पर होगी तो और लोग भी इस शानदार कहानी को पढ़ पाएंगे.
3 टिप्पणियां:
बधाई!
सर दिल्ली में तो आसानी से मिल जाती थी, जयपुर में किस स्टॉल पर मिलेगी। बताइयेगा
अद्भुत कहानी है, यह बात मैं आपसे तो कह ही चुका हूं, अब इस ब्लॉग के पाठकों के लिए भी दुहरा रहा हूं. आप इसे ब्लॉग पर डालने में इतनी देर यों कर रहे हैं? कथादेश सब जगह नहीं मिलती है. ब्लॉग पर होगी तो और लोग भी इस शानदार कहानी को पढ़ पाएंगे.
Aap ki kahaniya blog par de plz .padhne ka intzar rahega ji.
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