सोमवार, अक्टूबर 19, 2009
हंसो और कहो आल दा बेस्ट
यह तो अब माना ही जा सकता है कि मोहित शेट्टी का कहानी कहने का अपना तरीका है और उसमें वे लोगों को हंसाने की ताकत रखते हैं। दीवाली के मौके पर रिलीज उनकी फिल्म ऑल द बेस्ट में गोलमाल जैसा जादू तो नहीं है लेकिन वह गोलमाल रिटन्र्स के आसपास जरूर ठहरती है। खासकर इंटरवल के बाद कहानी में तेजी आती है और जब आप सिनेमाघर से बाहर निकलते हैं तो मुस्कान आपके चेहरे पर रहती है।ऑल द बेस्ट कॉमेडी ऑव एरर्स जैसा ही मसला है जब एक म्यूजिक बैंड को कामयाब करने के लिए एक स्ट्रगलर भाई ने अपने अमीर एनआरआई भाई को झूठ बोल दिया है कि उसने शादी कर ली है और भाई ने उसकी पॉकेट मनी बढा दी है। एक दिन अचानक भाई की लोशोटो जाने वाली फ्लाइट की इमरजेंसी लेंडिग गोवा हो जाती है और उनका भाई बेवक्त उनके घर पहुंच जाता है। उसने अपने छोटे भाई की पत्नी से मिलने की इच्छा व्यक्त की है, उसे अपराधबोध है कि वो शादी में नहीं आ पाया था। लेकिन गलती है वह दूसरी लड़की को अपने भाई की पत्नी समझ लेता है। जबकि उसने शादी ही नहीं की है और एक लड़की सिर्फ उसकी गर्लफे्रंड है। एक झूठ को छुपाने के लिए सैकड़ों झूठों का सहारा लेना पड़ता है और हर झूठ के साथ लेखक और निर्देशक ने आपके हंसने का मसाला गुण ओर मात्रा के लिहाज से बढ़ा दिया है लिहाजा इंटरवल तक धीमी गति से चलने वाली कामेडी एक्सप्रेस उसके बाद थोड़ी गति पकड़ती है और गंतव्य तक जाती है। बीच बीच में मोहित शेट्टी ने अपनी चिरपरिचित अदा में फिल्म को नॉन लीनियर भी करते हैं, मसलन, एक एक्शन दृश्य की शुरूआत से पहले संजय को गुंडा पूछता है, ए अंकल, कॉमेडी कर रहे हो क्या? तो संजय का जवाब है, बेटा, कॉमेडी तो अब शुरू की है, एक्शन तो तीस साल से कर रहा हूं। कुल मिलाकर ऑल द बेस्ट मोहित शेट्टी की परम्परा की फिल्म है और उस पर लिखने से ज्यादा वह आपको देखने से समझ में आएगी।
ब्लू - समंदर में डूबी कहानी
आपने आज से पहले भारतीय फिल्मों में ऎसे दृश्य नहीं देखे होंगे। फिल्म ब्लू का प्रचार करने वालों ने ऎसा कहा है तो जाहिर है उन्होंने झूठ नहीं बोला है। यह सचमुच रोमांचित करने वाला अनुभव है। खासकर हिंदी फिल्मों में लेकिन सौ करोड़ रूपए को पानी में इस तरह बहाया जाएगा, इसका अंदाजा नहीं था। किसी भी एक्शन भी बिना किसी कहानी या घिसी फिटी एक फार्मूला कहानी के आधार पर यदि आप ज्यादा खींचेंगे तो वह फिल्म को खराब करेगा। ब्लू इसका अपवाद नहीं है।
नए निर्देशक एंथनी डिसूजा की तारीफ करिए कि उन्होंने अपना सिनेमाटोग्राफर पीटर को चुना जो दुनिया में अंडरवाटर स्टंट फिल्माने के लिए जाना माना नाम है। आरव मल्होत्रा यानी अक्षय कुमार एक बिजनेसमैन है और सागर यानी संजय दत्त एक फिशरमैन या गोताखोर है। सिर्फ सागर को पता है कि लेडी इन ब्लू नाम का एक जहाज समंदर में किस जगह डूबा था। उसमें बेशुमार दौलत थी। आरव उस खजाने को हासिल करने के लिए सागर से दोस्ती करता है लेकिन कोई वजह है जो उसे खजाने तक जाने से रोकती है। आखिरकार सागर के छोटे भाई समीर यानी जाएद खान की वजह से सागर को खजाना ढूंढ़ लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है और वे इसे ले आते हैं। बीच में एक विलेन भी है और काम चलाऊ टि्वस्ट भी लेकिन ब्लू की तारीफ आपको सिर्फ इसलिए करनी होगी कि उसमें अद्भुत दृश्य है, जिन्हें पानी में फिल्माया गया है। पानी में फिल्माए जाने की थकान के साफ शिकार अभिनेता दिखते हैं और संजय और अक्षय वैसा अभिनय नहीं कर रहे हैं जैसा वे आमतौर पर भी करते हैं। जाएद खान को खैर अभिनय आता ही कहां है। लारा दत्ता ने बिकनी पहनकर पर्याप्त अंग प्रदर्शन किया है लेकिन यह कामयाबी की गारंटी नहीं है। आप ब्लू देखना चाहते हैँं समंदर के बेहतरीन दृश्यों के लिए बेशक देखने जाएं, कहानी से निराश होेगे। दूसरे काइली की चिगी विगी गाना भी आपको अच्छा लग सकता है।
नए निर्देशक एंथनी डिसूजा की तारीफ करिए कि उन्होंने अपना सिनेमाटोग्राफर पीटर को चुना जो दुनिया में अंडरवाटर स्टंट फिल्माने के लिए जाना माना नाम है। आरव मल्होत्रा यानी अक्षय कुमार एक बिजनेसमैन है और सागर यानी संजय दत्त एक फिशरमैन या गोताखोर है। सिर्फ सागर को पता है कि लेडी इन ब्लू नाम का एक जहाज समंदर में किस जगह डूबा था। उसमें बेशुमार दौलत थी। आरव उस खजाने को हासिल करने के लिए सागर से दोस्ती करता है लेकिन कोई वजह है जो उसे खजाने तक जाने से रोकती है। आखिरकार सागर के छोटे भाई समीर यानी जाएद खान की वजह से सागर को खजाना ढूंढ़ लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है और वे इसे ले आते हैं। बीच में एक विलेन भी है और काम चलाऊ टि्वस्ट भी लेकिन ब्लू की तारीफ आपको सिर्फ इसलिए करनी होगी कि उसमें अद्भुत दृश्य है, जिन्हें पानी में फिल्माया गया है। पानी में फिल्माए जाने की थकान के साफ शिकार अभिनेता दिखते हैं और संजय और अक्षय वैसा अभिनय नहीं कर रहे हैं जैसा वे आमतौर पर भी करते हैं। जाएद खान को खैर अभिनय आता ही कहां है। लारा दत्ता ने बिकनी पहनकर पर्याप्त अंग प्रदर्शन किया है लेकिन यह कामयाबी की गारंटी नहीं है। आप ब्लू देखना चाहते हैँं समंदर के बेहतरीन दृश्यों के लिए बेशक देखने जाएं, कहानी से निराश होेगे। दूसरे काइली की चिगी विगी गाना भी आपको अच्छा लग सकता है।
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